भाषा एवं साहित्य >> स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी साहित्य का इतिहास स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी साहित्य का इतिहासलक्ष्मीसागर वार्ष्णेय
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
हिन्दी के सुपरिचित लेखक लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय की इस पुस्तक में द्वितीय महायुद्ध के बाद और भारत को स्वतंत्रता के तुरंत बाद लगभग 1950 से आज तक की अधि में रचित हिन्दी साहित्य के विविध पहलुओं पर - समीक्षात्मक लेखा-जोखा प्रस्तुत हुआ है। देश के विकास और प्रगति में इस साहित्य का कहाँ तक योगदान रहा है तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी क्या स्थिति है-इस सबका रोचक विवरण यहाँ मिलेगा।
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